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किसान मोर्चा की खास तैयारी, म‍िलेट्स या मोटे अनाज को बढ़ावा देने का कदम

किसान मोर्चा की खास तैयारी, म‍िलेट्स या मोटे अनाज को बढ़ावा देने का कदम

केंद्र सरकार ने बजट में श्री अन्न योजना की शुरूआत की है. हालांकि पहले से ही केंद्र सरकार प्राकृतिक खेती के साथ-साथ मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है. जिसे देखते हुए इस बार के बजट में सरकार ने किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए इस योजना की शुरूआत की है. सरकार के मुताबिक मोटे अनाज और प्राकृतिक खेती से जमीन का वाटर लेबल बढ़ सकता है. इसके अलावा इस तरह की खेती में ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होती. इस खुशखबरी के बीच बीजेपी (BJP) की कृषि विंग समेत किसान मोर्चा ने भी एक अभियान शुरू कर दिया है. यह राष्ट्रव्यापी अभियान कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों के कम इस्तेमाल को लेकर है. इस अभियान के तहत उन्होंने एक करोड़ लोगों तक अपना मैसेज पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. इसके अलावा वह करीब एक लाख से भी ज्यादा गांवों की यात्रा कर रहे हैं. किसान मोर्चा के राज्य संयोजक और अन्य सह संयोजकों के नेतृत्व में यह यात्रा गंगा के किनारे बसे गांवों में की जा रही है.

13 फरवरी को प्रशिक्षण संगोष्ठी

13 फरवरी को किसान मोर्चा एक महत्वपूर्ण काम करने जा रहा है. जानकारी के मुताबिक वह न सिर्फ यात्राओं को बल्कि बीजेपी के कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण संगोष्ठी का भी आयोजन करने वाला है.बिंग के अधिकारी के नेतृत्व में इस संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा. इसके अलावा इसमें साइंटिस्ट, न्यूट्रीशनिस्ट और अन्य एक्सपर्ट्स शामिल होंगे. इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य बीजेपी के कार्यकर्ताओं को को जैविक खेती और बाजरे के बारे में जानकारी दी जाएगी. जिसके बाद वो अपने जिले के किसानों की इस विषय में मदद कर सकें. हालांकि इस संगोष्ठी के बाद सभी जिलों में इसी तरह के सत्र का आयोजन किया जाएगा.
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चौपाल और चर्चाओं का चलेगा सिलसिला

यूपी के शुक्रताल में अगले महीने से जन जागरण अभियान की शुरूआत होगी. जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई बीजेपी नेताओं की भागीदारी होगी. एक गांव परिक्रमा यात्रा भी इस अभियान का हिस्सा होगी. इसके अलावा इसमें किसान चौपाल और चर्चाओं का भी सिलसिला चलेगा. किसानों को किसान मोर्चा बजट से कई फायदे होंगे. जिसके चलते उन्हें शिक्षित करने के लिए एक हफ्ते का अभियान चल रहा है. इसके अलावा इस अभियान के जरिये किसानों को यह भी समझाना है कि, उन्हें सरकार की नीतियों से कैसे फायदा मिल सकता है. साथ ही यह भी बताना है कि, जैविक खेती को कैसे बढ़ाया जाए और नुकसानदायक रसायनों का इस्तेमाल कम किया जाए.
अब से नवीन उर्वरक बैगों पर होगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील

अब से नवीन उर्वरक बैगों पर होगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील

किसान भाइयों अब नवीन डिजाइन में पीएम मोदी कृषकों से रासायनिक तत्व कम करने की अपील करेंगे। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसानों से रासायनिक फसल पोषक तत्वों के उपयोग को कम करने की अपील के साथ उर्वरक बैग के लिए एक नवीन कवर डिजाइन जारी किया है। आधिकारिक और उद्योग सूत्रों ने बताया है, कि उर्वरक विभाग ने शुक्रवार को निर्माताओं को लिखे एक पत्र में उनसे नवीन डिजाइन वाले बैगों की खरीद एवं उपयोग के लिए तत्काल प्रभाव से बनती कार्यवाही करने का आदेश दिया। सूत्रों के मुताबिक, पत्र के साथ विभाग ने समस्त निर्माताओं के साथ नवीन डिजाइन को साझा किया है। जिसको रसायन एवं उर्वरक मंत्री ने आखिरी रूप देकर स्वीकृति दी है। यह भी पढ़ें: इफको (IFFCO) कंपनी द्वारा निर्मित इस जैव उर्वरक से किसान फसल की गुणवत्ता व पैदावार दोनों बढ़ा सकते हैं नवीन डिजाइन में नीचे प्रधानमंत्री का छायाचित्र और अपील मौजूद होगी। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि अपील में हिंदी भाषा में कहा गया है, कि ' मैं किसानों से अपील करता हूँ, कि वह रासायनिक उर्वरकों का कम और संतुलित उपयोग करके धरती माँ को बचाने का एक बड़ा कदम उठाऐं। अगस्त में केंद्र सरकार ने 'भारत' नामक उर्वरकों के लिए एक एकल ब्रांड एवं उर्वरक सब्सिड़ी योजना "प्रधानमंत्री भारतीय जनविज्ञान परियोजना के अंतर्गत एक राष्ट्र, एक उर्वरक को लागू करने का फैसला लिया है।

एक देश, एक उर्वरक योजना जारी की

विगत वर्ष अगस्त में केंद्र सरकार ने ‘वन नेशन, वन फर्टिलाइजर’ योजना को लागू करने का फैसला लिया था। इसके तहत सभी फर्टिलाइजर भारत ब्रांड के तहत बेचे जा रहे हैं। इसके नीचे ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना’ का लोगो होता है। देशभर में अब सभी फर्टिलाइजर एक जैसी पैकिंग में बेचे जा रहे हैं। केंद्र सरकार यूरिया की मैक्सिमम रिटेल प्राइस (MRP) तय करती है। ये यूरिया की उत्पादन लागत से भी कम होती है। मतलब कि कंपनियां लागत से भी कम भाव में यूरिया किसानों को बेचती हैं। केंद्र सरकार कंपनियों को होने वाली हानि की भरपाई अनुदान देकर करती है।